Shabd jo kabhi sunai na diye

आँखों की नमी को ख़ुशी के आंसू बताना , कहना सब कुछ ठीक है फिर थोडा मुस्कुराना , भले दिल में हो दर्द पर हमदर्द बन जाना , देखा, कितना आसान है किसी भी गम को छुपाना ||

Tuesday, April 3, 2012

शिकायत लोग करते हैं


जिन्हें वे दूर जाने को,
स्वयं मजबूर करते हैं | 
उन्ही के याद आने की,
 शिकायत लोग करते हैं ||

है दूरी प्यार का कारण,
बताया लोग करते हैं |
उन्ही के पास आने पर,
शिकायत लोग करते हैं ||

उम्र भर प्यार सच्चे की,
परीक्षा लोग करते हैं |
उन्ही के रूठ जाने पर,
 शिकायत लोग करते हैं ||

प्रेम के गीत है गाते,
 प्रेम को ब्रम्ह कहते हैं |
किन्ही के प्रेम करने पर,
 शिकायत लोग करते हैं ||


स्वयं देते दगा सबको,
दिखावा रोज करते है |
पर भरोसा तोड़ जाने की,
शिकायत लोग करते हैं ||

सभी खुशियाँ ज़माने की,
इकट्ठी कर नहीं पाते |
उमर के बीत जाने की,
 शिकायत लोग करते हैं ||

समर्पण को स्वयं से ही,
वे कोशों दूर रखते हैं |
किस्मत में न होने की,
शिकायत लोग करते है ||

स्वयं की खामियां अक्सर,
छिपाया लोग करते हैं |
मगर मजबूर होने की,
शिकायत लोग करते हैं ||

वे अपने सोचने के ढंग को,
 नया आकार देते हैं |
सभी के बदल जाने की,
शिकायत लोग करते हैं ||

खुशी के बाँट देने से,
कमी आती नहीं उसमे |
पर किसी के मुस्कुराने की,
शिकायत लोग करते हैं ||

अमित जैन
2/4/2012

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